💞 बड़ी सोच का बड़ा जादू 💞दिखावा ना करे!मैनेजमेंट कीशिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान की नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और सेकाम करने के लिए अलग से एक केबिन दे दिया जाता है। वह नौजवान जब पहले दिन ऑफिस जाताहै और बैठ कर अपने शानदार केबिन को निहार रहा होता है तभी दरवाजा खट-खटाने कीआवाज आती है दरवाजे पर एक साधारण सा व्यक्ति रहता है, पर उसे अंदरआने कहनेँ के बजाय वह युवा व्यक्ति उसे आधा घँटाबाहर इंतजार करनेँ के लिए कहता है। आधा घँटा बीतनेँ के पश्चात वह आदमी पुन: ऑफिस के अंदर जानेँ की अनुमति मांगता है, उसे अंदर आते देख युवक टेलीफोन से बात करना शुरु कर देता है. वह फोन पर बहुतसारे पैसोँ की बातेँ करता है,अपनेँ ऐशो आराम के बारे मेँ कई प्रकार की डींगें हाँकनेँ लगताहै, सामनेँ वाला व्यक्ति उसकी सारी बातेँ सुन रहा होताहै, पर वो युवा व्यक्ति फोन पर बड़ी-बड़ी डींगें हांकनाजारी रखता है.जब उसकी बातेँ खत्म हो जाती हैँतब जाकर वह उस साधारण व्यक्ति से पूछता है है कि तुम यहाँ क्या करनेँ आये हो ?वह आदमी उस युवा व्यक्ति कोविनम्र भाव से देखतेहुए कहता है, “साहब, मैँ यहाँ टेलीफोन रिपेयरकरनेँ के लिए आया हुँ, मुझे खबर मिली है कि आप जिस टेलीफोन से बातकर रह थे वो हफ्ते भर से बँद पड़ा है इसीलिए मैँ इस टेलीफोन कोरिपेयर करनेँ के लिए आया हूँ।”इतना सुनते ही युवा व्यक्ति शर्मसे लाल हो जाता है और चुप-चाप कमरे से बाहर चला जाता है। उसे उसके दिखावेका फल मिल चुका होता है.कहानी का सार यह है कि जब हम सफलहोते हैँ एक लेवल हाँसिल करते हैं, तब हम अपनेँ आप पर बहुत गर्व होता हैँ और यहस्वाभाविक भी है। गर्व करनेँ से हमे स्वाभिमानी होने का एहसास होता हैलेकिन एक सीमा के बाद ये अहंकार का रूप ले लेता है और आपस्वाभिमानी से अभिमानी बन जाते हैं और अभिमानी बनते ही आप दुसरोँ के सामनेँ दिखावा करने लगते हैं, और जो लोग ऐसा करते हैं वो उसी लेवल पर याउससे भी निचे आ जाते हैं |अतः हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमचाहे कितने भी सफल क्यों ना हो जाएं व्यर्थ के अहंकार और झूठे दिखावे में ना पड़ेंअन्यथा उस युवक की तरह हमे भी कभी न कभी शर्मिंदा होना पड़ सकता है। हमे हमेशा एक लेवलहासिल करने के बाद दुसरे फिर तीसरे और इस तरह से हमे अपने सर्वश्रेस्ट लक्ष्यों कोप्राप्त करने के लिए लगातार काम करते रहना चाहियें.
💞 बड़ी सोच का बड़ा जादू 💞 दिखावा ना करे!मैनेजमेंट कीशिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान की नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और सेकाम करने के लिए अलग से एक केबिन दे दिया जाता है। वह नौजवान जब पहले दिन ऑफिस जाताहै और बैठ कर अपने शानदार केबिन को निहार रहा होता है तभी दरवाजा खट-खटाने कीआवाज आती है दरवाजे पर एक साधारण सा व्यक्ति रहता है, पर उसे अंदरआने कहनेँ के बजाय वह युवा व्यक्ति उसे आधा घँटाबाहर इंतजार करनेँ के लिए कहता है। आधा घँटा बीतनेँ के पश्चात वह आदमी पुन: ऑफिस के अंदर जानेँ की अनुमति मांगता है, उसे अंदर आते देख युवक टेलीफोन से बात करना शुरु कर देता है. वह फोन पर बहुतसारे पैसोँ की बातेँ करता है,अपनेँ ऐशो आराम के बारे मेँ कई प्रकार की डींगें हाँकनेँ लगताहै, सामनेँ वाला व्यक्ति उसकी सारी बातेँ सुन रहा होताहै, पर वो युवा व्यक्ति फोन पर बड़ी-बड़ी डींगें हांकनाजारी रखता है.जब उसकी बातेँ खत्म हो जाती हैँतब जाकर वह उस साधारण व्यक्ति से पूछता है है कि तुम यहाँ क्या करनेँ आये हो ?वह आदमी उस युवा व्यक्ति कोविनम्र भाव से देखतेहुए कहता है, “साहब, मैँ यहाँ टेलीफोन रिपेयरकरनेँ के लिए आया हुँ, मुझे खबर म...